प्रार्थना
दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना।
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना ||
हमारे ध्यान में आओ प्रभु आँखों में बस जाओ।
अंधेरे दिल में आ करके परम ज्योति जगा देना ||
बहा दो प्रेम की गंगा, दिलों में प्रेम का सागर।
हमें आपस में मिल-जुलकर प्रभु रहना सिखा देना।।
हमारा कर्म हो सेवा, हमारा धर्म हो सेवा।
सदा ईमान हो सेवा व सेवक चर बना
वतन के वास्ते जीना, वतन के वास्ते मरना।
वतन पर जाँ फिदा करना, प्रभु सिखा देना ।|
दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना।
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना ।।
सारे जहां से अच्छा
सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा,
हम बुलबुले हैं इसके, ये गुलिस्ता हमारा।
सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा ||
पर्वत वो सबसे ऊँचा, हम साया आसमां का,
वो संतरी हमारा, वो पासवां हमारा।
सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा।।
गोदी में खेलती है जिसकी हजारों नदियां,
गुलशन है जिसके दम से, रश्के जिनां हमारा।
सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा ।।
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिन्दी है हम, हिन्दी हैं हम वतन के हिन्दोस्तां हमारा
सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां
हम बुलबुले है इसके, ये गुलिस्तां हमारा।
सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा ||